जगदीप धनखड़(Jagdeep Dhankhad ) :भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफ़ा

जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़(jagdeep dhankhad ) :

जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जिसे मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा मंजूर कर लिया गया है। राज्यसभा के पीठासीन घनश्याम तिवारी ने यह जानकारी दी। दूसरी तरफ, राज्यसभा के उपसभापति और JDU सांसद हरिवंश नारायण ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।जगदीप धनखड़

हरिवंश नारायण सिंह जी ने आज सुबह 11 बजे जगदीप धनखड़ की जगह, राज्यसभा की कार्यवाही को शुरू किया था। जगदीप धनखड़ आज सदन की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले खबर आई थी कि जगदीप धनखड़ जी विदाई समारोह में भी शामिल नहीं होंगे। इसका कारण उन्होंने अपना स्वास्थ्य ठीक न होना बताया था , पर विपक्ष का कहना है कि उ उनके इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य नही हो सकता कारण कुछ और ही है ! हालांकि PM नरेंद्र मोदी ने कहा की मै धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।जगदीप धनखड़

विस्तार(जगदीप धनखड़)

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात को अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होना था। जगदीप धनखड़ ने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा भी था कि ‘ईश्वर की कृपा रही तो 2027 के अगस्त में रिटायर हो जाऊंगा। पर जगदीप धनखड़ अचानक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है ! अब जगदीप धनखड़ की जगह राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को राज्यसभा के सभापति का पदभार सम्भालना होगा !

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की 2 थ्योरी

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पहली: राष्ट्रपति को लिखे अपने त्यागपत्र में श्री धनखड़ ने पद छोड़ने की वजह को स्वास्थ्य का खराब होना बताया था। दूसरी: विपक्ष उनके अचानक दिए इस्तीफे पर सवाल कर रहा है। विपक्ष कह रहा है कि इसकी वजह कुछ और ही है। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने बताया कि ’21 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे श्री धनखड़ जी ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर चर्चा होने के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी।

शाम 4:30 बजे श्री जगदीप जी की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी सदस्य जेपी नड्डा और किरन रिजिजू का इंतज़ार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। सबसे हैरानी की बात तो ये थी कि धनखड़ जी को व्यक्तिगत रूप से इस बात की जानकारी नहीं थी कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे। स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने BAC की अगली बैठक को आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दिया।

इससे साफ होता है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।

अब अचानक से बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए, श्री धनखड़ जी ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है जिसका हमें मान रखना चाहिए। लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और भी गहरे कारण हैं। श्री जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ बताता है। इसके साथ ही, यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल उठाता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

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जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे की बात न पचने के कारण

अगर स्वास्थ्य ही असली कारण होता तो जगदीप धनखड ने संसद सत्र से पहले ही इस्तीफा क्यों नहीं दिया? जब जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य कारण बताया, तो वो उसी दिन वह संसद में सक्रिय कैसे हो सकते हैं और वहां उन्होंने स्वास्थ्य समस्या नहीं जताई थी

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मानसून सत्र के पहले ही दिन के बाद आया. उनकी सेहत अगर सच में इतनी खराब थी तो वह पूरे दिन इतने एक्टिव कैसे हो सकते हैं? अगर उनका फैसला पहले से यही था तो उन्होंने संसद सत्र में इशारा क्यों नहीं किया?

जगदीप धनखड़ जी का 23 जुलाई को एक भी दौरा प्रस्तावित था. इसका मतलब है कि यह सब अचानक यूं ही नहीं हुआ?

क्या सरकार के साथ किसी बात पर मतभेद होना वजह थी? क्या किसानों के मुद्दे पर धनखड़ की सरकार से नाराजगी थी?

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