2025 में रक्षाबंधन कब है,जानिये रक्षा बंधन की तिथि,राखी बांधने का शुभ मुहर्त !

2025 में रक्षाबंधन कब है
2025 में रक्षाबंधन कब है

2025 में रक्षाबंधन कब है:

कुछ वर्षों से रक्षाबंधन पर भद्रा काल के कारण सभी बहनें असमंजस में रहती थीं। लेकिन इस बार भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2.12 बजे से शुरू होकर रात 1.52 बजे तक रहेगा, जो कि रक्षाबंधन की तिथि से पहले ही समाप्त हो जाएगा। 9 अगस्त को पूरे दिन शुभ समय रहेगा और भाई-बहन बिना किसी विध्न के प्रेमपूर्वक त्योहार मना सकेंगे।

तिथि :

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती है।तिलक करती है और आरती उतारती हैं। भाई भी बहन की रक्षा का वचन देता है और उपहार देता है। यह त्यौहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का अर्थ है “सुरक्षा, दायित्व और देखभाल का बंधन”, और इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, यह राखी प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है. रक्षा बंधन की उत्पत्ति भगवान कृष्ण और द्रौपदी की लोकप्रिय कथा से जुड़ी है. शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने खूनको बहने से रोकने के लिए, अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और उसे उनकी उंगली पर लपेट दिया. तब से राखी का त्योहार मनाया जाता है! और यह त्यौहार हर साल बड़े धूम धाम से मनाया जाता है!

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राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त :

इस साल रक्षाबंधन शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बंधने का शुभ मुहूर्त (शुभ समय) सुबह 05:47 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक है, जिसमें राखी बांधने के लिए कुल 7 घंटे और 37 मिनट की अवधि है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा काल, जिसे राखी बाँधने के लिए अशुभ माना जाता है, राखी के दिन सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा, जिससे सुबह के समय राखी बाँधी जा सकती है .

पूर्णिमा तिथि, 8 अगस्त को दोपहर 02:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त, 2025 को दोपहर 01:24 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, शनिवार की सुबह भाइयों और बहनों के बीच प्यार और सुरक्षा के इस खूबसूरत त्योहार को मनाने का सही समय है।

रक्षा बंधन सिर्फ एक त्यौहार नही है यह इससे कहीं अधिक है, यह प्यार, विश्वास और एकजुटता का उत्सव है। यह हर किसी को परिवार के महत्व और भाई-बहन के बंधन की ताकत की याद दिलाता है। यह त्यौहार पूरे भारत में परिवारों और समुदायों के लिए खुशी, एकता और अपनेपन की भावना लाता है।

रक्षा बंधन पर बन रहे शुभ योग :

रक्षा बंधन 2025 के दिन सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि इन योगों में किए गए कार्य जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आते हैं। खासकर रक्षासूत्र बांधना, वचन देना और रिश्तों को मजबूत करने की हर रस्म इन शुभ योगों में करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

साथ ही, अगर दिन की बात करें तो बहुत ही शुभ मुहूर्त भी मौजूद हैं। सुबह का ब्रह्म मुहूर्त 4:22 बजे से 5:04 बजे तक रहेगा, जो आध्यात्मिक साधना और शुभ कार्यों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। इसके अलावा दोपहर में अभिजीत मुहूर्त 12:17 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा, जिसे किसी भी शुभ काम की सफलता के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।

ऐसे अद्भुत संयोग में रक्षा बंधन का त्योहार मनाना न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।

रक्षा बंधन की पूजा विधि :

रक्षा बंधन का दिन घर-परिवार में बहुत ही खास होता है। सुबह स्नान करके बहनें पूजा की तैयारी करती हैं। एक सुंदर सी राखी की थाली सजाई जाती है, जिसमें राखी के अलावा रोली, चावल, दीया और मिठाई रखी जाती है।

इसके बाद बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, उसके माथे पर तिलक लगाती है, आरती उतारती है और मिठाई खिलाती है। भाई इस मौके पर बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा करने का वचन देता है। इस दिन सिर्फ राखी ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार का मिलन, साथ बैठकर खाना-पीना और खूब सारी बातें होती हैं।

रक्षा बंधन 2025 सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने का मौका है। बदलते दौर में भी ये त्योहार उतना ही प्रासंगिक है, जितना सदियों पहले था। तो इस बार भी राखी के इस पावन अवसर पर अपने अपनों के साथ इस रिश्ते को और गहरा बनाइए, चाहे पास हों या दूर।

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