शिबू सोरेन का जीवन परिचय:

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन हो गया है वह 81 वर्ष के थे !उनका निधन दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में हुआ है ,जहाँ वे लंबी बीमारी का इलाज करा रहे थे। वे झारखंड के दुमका से पूर्व सांसद थे और सात बार इस पद पर रहे!
सामाजिक न्याय के प्रतीक और आदिवासी समाज की आवाज माने जाने वाले शिबू सोरेन को लोग दिशोम गुरु मानते थे शिबू सोरेन का जीवन बहुत संघर्ष, समर्पण और प्रेरणा की मिसाल है , प्यार और सम्मान से ‘गुरुजी’ कहे जाने वाले शिबू सोरेन ने झारखंड की राजनीतिक में अपनी पहचान गढ़ी, बल्कि देश में आदिवासी अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया।
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को एकीकृत बिहार हजारीबाग जिले (अब रामगढ़ जिले) के नेमरा गांव में एक साधारण किसान के घर में हुआ था! उन्होंने बहुत कम उम्र में अपने पिता को जमींदारी प्रथा की बर्बरता का शिकार होते देखा, जिससे उनके भीतर अन्याय के खिलाफ आग जल उठी। उनके पिता को महाजनों ने मार डाला था । जिससे दुखी होकर शिबू सोरेन ने पढ़ाई छोड़कर आदिवासियों को एकजुट करना शुरू किया।
लोगो को वो शिक्षा के प्रति जागरूक करने लगे।जिससे लोग जागरूक हो सके !उन्होंने महाजनों के खिलाफ धनकटनी आंदोलन शुरू किया।फिर उन्होंने अलग झारखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। दिशोम गुरु शिबू सोरेन पहले समाज सुधारक बने फिर सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता तक का सफर तय किया। अलग झारखंड राज्य के लिए उन्होंने कई कुर्बानियां दीं। झारखंड के सभी दलों के लोग उनका सम्मान करते थे।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने लोकसभा के चुनावों को जीत कर उच्च सदन राज्यसभा के भी सदस्य बने। दो बार वह सेंट्रल मिनिस्टर भी बनें। तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, केंद्रीय मंत्री के रूप में वह अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाये, न मुख्यमंत्री के रूप में। हर बार उन्हें कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा देना पड़ता था । कभी जेल जाने की वजह से, तो कभी उपचुनाव में हार की वजह से।‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन, महाजनी प्रथा से झारखंड अलग राज्य आंदोलन तक संघर्ष किया। वह झारखंड के सबसे बड़े और सर्वमान्य नेता बने रहे। अंत में जिंदगी की जंग को भी योद्धा की तरह लड़े।
जमीनी संघर्ष से बुलंदी तक का सफ़र :

जमीनी संघर्ष के साथ-साथ अलग राज्य की आवाज बुलंदी छूने लगी. झारखंड की आवाज दिल्ली के कानों में गूंजने लगी. शिबू सोरेन ने संताल परगना को अपनी राजनीति की जमीन बनायी. 1980 में दुमका से पहली बार सांसद का चुनाव लड़े और जीतकर देश की राजनीति में अपने कदम रखे . इसके बाद राष्ट्रीय फलक पर भी राजनीति की धुरी बने. केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य गठन के बाद वह 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने.
शिक्षा :
शिबू सोरेन ने मैट्रिक यानी 10वीं तक पढ़े he । उन्होंने हजारीबाग जिले के गोला हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई की थी। उनके समय में खासकर आदिवासी समाज में शिक्षा के अवसर बेहद कम थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समाज में बदलाव की शुरुआत खुद से की। कम पढ़ाई के बावजूद उनकी राजनीतिक समझ, लोगों से जुड़ने की क्षमता और नेतृत्व का तरीका इतना प्रभावशाली था कि वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और कई बार केंद्र सरकार में मंत्री भी बने।
आयु :
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन अब इस दुनिया में नहीं रहे। 81 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। लंबे समय से वे किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर से झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य के मुख्यमंत्री और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर दुख भरे शब्दों में यह जानकारी दी।
जाती :
शिबू सोरेन एक संथाल जनजाति से हैं! जो झारखंड की प्रमुख आदिवासी जातियों में से एक है!जिसके कारन जमीदारों द्वारा उन्हें नीचा दिखाया जाता था , उनके समय पर आदिवासी समाज में शिक्षा के अवसर बहुत कम थे !
कुल संपत्ति :

चुनावी हलफनामे के मुताबिक, शिबू सोरेन के पास 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति थी, तो उन्होंने 2.24 करोड़ रुपये के कर्ज के बारे में भी जानकारी दी थी ! यदि उनकी चल संपत्ति का रिकॉर्ड देखें, तो PNB और SBI के उनके बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का डिपॉजिट था पोस्टल सेविंग और NSS में 11 लाख रुपये जमा थे.
उनके पास 25,000 रुपये की एक इंश्योरेंस पॉलिसी भी थी. उन्होंने बताया था कि उनके नाम पर एक 25 लाख रुपये कीमत की क्वालिस कार भी थी. उनके पास कोई ज्वेलरी नहीं थी ! उनकी संपत्ति में साल 2004 से 2019 के बीच बहुत जादा उछाल आया . 2004 में उनकी और उनके परिवार की कुल संपत्ति महज 38 लाख रुपये थी, जो 2008 तक में बढ़ का 84 लाख हो गयी थी !और यह संपत्ति आगे बढती गयी और 2019 तक यह 7.25 करोड़ होगयी
चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में शिबु सोरेन ने बताया की उनकी पत्नी और उनके नाम करोडो की जमीन और घर थे !शिबू सोरेन की पत्नी रूपी देवी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर करीब 82 लाख रुपये कीमत की खेती योग्य जमीन थी
वहीं बोकारो से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद तक में Shibu Soren और पत्नी के नाम पर प्लाट हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 1.94 करोड़ रुपये बताई गई थी. उनकी पत्नी के नाम पर करीब 1.38 करोड़ रुपये की कॉमर्शियल बिल्डिंग्स भी थी !
शिबू सोरेन के परिवार में सदस्य :
शिबू सोरेन के परिवार में उनकी पत्नी रूपी किस्कू और चार बच्चे हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी हैं!
शिबू सोरेन के पुत्र
- दुर्गा सोरेन:
- दुर्गा सोरेन झारखंड के जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उनका निधन हो चुका है।
- उनकी पत्नी सीता सोरेन भी विधायक रह चुकी हैं।
- हेमंत सोरेन:
- हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।
- उन्होंने 2013 से 2014 और फिर 2020 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री पद संभाला।
- बसंत सोरेन:
- बसंत सोरेन झारखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष और वर्तमान में दुमका से विधायक हैं।
शिबू सोरेन की पुत्री
- शिबू सोरेन की बेटी अंजली सोरेन भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं।
शिबू सोरेन की विवादित घटनाएं
शिबू सोरेन का नाम कई विवादों से जुड़ा है। इनमें प्रमुख हैं:
- शशिनाथ झा हत्याकांड:
- 1994 में उनके सचिव शशिनाथ झा की हत्या के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया।
- चिरुदीह हत्याकांड:
- 1975 में हुए चिरुदीह हत्याकांड में उनका नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल था। इस घटना में 10 लोगों की मौत हुई थी।