पीएम फसल बीमा योजना: किसे मिलेगा लाभ जाने रजिस्ट्रेसन की अंतिम तिथि ,

पीएम फसल बीमा योजना
पीएम फसल बीमा योजना

पीएम फसल बीमा योजना:

पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत खरीफ फसलों के लिए बीमा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है और इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है। ऐसे में सभी इच्छुक किसान भाई समय रहते अपने पटवारी हल्का की अधिसूचित फसलों का बीमा जरूर करवाएँ। किसानों के लिए एक बेहद लाभकारी योजना है।

उप कृषि निदेशक ने बताया है कि इस योजना के तहत जनपद में धान, मक्का, बाजरा और उर्द फसलों को अधिसूचित किया गया है।

पीएम फसल बीमा योजना
पीएम फसल बीमा योजना

इस योजना का शुभारंभ एक देश एक फसल एक प्रीमियम का ध्येय लेकर किया गया है . इस योजना का लक्ष्य है फसल कटाई के प्रयोगों के माध्यम से स्थानीय सरकारी प्राधिकरणों द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार फसल की उपज में कमी के कारण किसानों द्वारा भुगते गए नुकसान को कवर करना.

यह योजना भारत में बरसात के कारण बोआई पूर्व हुई हानियों, कटाई के बाद हुई हानियों तथा बेमौसम बरसात के कारण हुई हानियों को भी कवर करती है. इसमें पहले सुरक्षित की गई ओलावृष्टि और भूस्खलन के जोखिमों के अलावा स्थानीय स्तर पर आई बाढ़ जैसी आपदाओं के कारण हुए नुकसानों को सुरक्षित करने का प्रावधान भी है.

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पीएम फसल बीमा योजना की शुरुआत :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी, 2016 को पीएम फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने 18 फरवरी, 2016 को मध्य प्रदेश में आयोजित किसानों के सम्मेलन में फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देशों की जानकारी प्रदान की थी। पीएम फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य रोगों या कीटनाशकों, भारी वर्षा, अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नष्ट होने की स्थिति में देश के किसानों को पर्याप्त फसल बीमा सहायता प्रदान करना है। जिससे उनकी आर्थिक सहायता हो सके .

पीएम फसल बीमा योजना का उद्देश्य :

  • किसानों को बुवाई के पहले से लेकर कटाई के बाद तक के समय  के लिए स्वैच्छिक फसल बीमा की सुविधा प्रदान करना।
  • प्राकृतिक आपदाएं और विभिन्न कीट तथा रोगों के कारण फसल के नुकसान होने पर किसानों को बीमा और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • किसानों की आय को बढ़ाना तथा स्थायित्व प्रदान करना ताकि वे कृषि कार्य को जारी रख सकें। 
  • किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना।

दर :

  • किसानों को सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम दर का भुगतान किया जाएगा। 
  • वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम दर 5% होगा।
  • किसानों द्वारा भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं, और शेष प्रीमियम दर का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नष्ट होने पर किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।
  • सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है, भले ही बची हुयी प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा ही वहन की जाएगी।

पीएम फसल बीमा योजना की विशेषताएं :

  • यह एक केंद्र के द्वारा आयोजित योजना है, इसके अंतर्गत,सभी किसान ) पात्रता सूची में शामिल होते है।
  • इसने अन्य सभी मौजूदा कृषि बीमा योजनाओं को प्रतिस्थापित कर दिया है।
  • इस योजना के अंतर्गत खाद्यान फसलों(मोटा अनाज, दलहन), तिलहन एवं वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलों को शामिल किया गया है। 
  • इस योजना के अंतर्गत, प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है , दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग, ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए राज्यों को अपनी बीमा कंपनियाँ स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
  • एकीकृत दृष्टिकोण : विभिन्न खंडित बीमा योजनाओं को एक छत के नीचे समेकित करना ताकि इसके कार्यान्वयन में एकरूपता और मानकीकरण सुनिश्चित हो सके।
  • कार्यान्वयन में आसानी : किसानों के लिए बीमा नामांकन और दावा करने की प्रक्रिया आसान हो गई है, जिसके लिए आसान प्रक्रियाओं के लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किए गए है!

पीएम फसल बीमा योजना के लिए पात्रता :

  • अधिसूचित फसलें : वह किसान जिसने संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलें उगाई हों, वह पीएमएफबीवाई के अंतर्गत नामांकन के लिए पात्र होगा।
  • सभी किसान : ऋणी किसान (अधिसूचित फसलों के लिए स्वीकृत ऋण लेने वाले किसान) और गैर-ऋणी किसान (ऋण न लेने वाले किसान) इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • काश्तकार और बटाईदार किसान : काश्तकार, बटाईदार और पट्टा समझौते वाले किसान भी पीएमएफबीवाई के के लिए पात्र हैं।


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