तिलक वर्मा:

तिलक वर्मा का जन्म 8 नवंबर 2002 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ था। उनका पूरा नाम नंबूरी ठाकुर तिलक वर्मा है।भारतीय क्रिकेट शुरुआत से ही विलक्षण प्रतिभाओं की खान से भरा रहा है। हर दौर में, देश के किसी न किसी कोने से एक ऐसा सितारा उभर कर आया है जो अपनी चमक से पूरी दुनिया को चकित कर देता है।
हाल के वर्षों में, एक ऐसे ही युवा सितारे का उदय हुआ है जिसका नाम है – नम्बूरी ठाकुर तिलक वर्मा। हैदराबाद की गलियों से निकलकर मुंबई इंडियंस के रास्ते टीम इंडिया तक का उनका सफर सिर्फ रनों और रिकॉर्ड्स की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस धैर्य, प्रतिभा और परिपक्वता की दास्तां है जो उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिए एक “अनमोल खोज” बनाती है।
आज जब हम तिलक के बेखौफ शॉट्स, उनके शांत स्वभाव और मैच जिताने की क्षमता को देखते हैं, तो यह सवाल मन में उठता है कि आखिर इस युवा खिलाड़ी में ऐसा क्या खास है जो उन्हें अपने सहखिलाड़ियों से अलग और भविष्य के लिए इतना महत्वपूर्ण बनाता है? इसका उत्तर केवल उनके आंकड़ों में नहीं, बल्कि उनके खेल और व्यक्तित्व की गहराइयों में छिपा है। आज हम इस आर्टिकल में उनसे जुडी हर बात को जानेंगे ….
एक पिता का सपना और कोच का सहारा :
तिलक वर्मा की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। उनके पिता नम्बूरी नागराजू एक इलेक्ट्रीशियन थे, जिनकी आय इतनी नहीं थी कि वे अपने बेटे के क्रिकेट के महंगे सपनों को पूरा कर सकें। लेकिन उन्होंने तिलक की आंखों में एक चिंगारी देखी थी। उस चिंगारी को आग में बदलने का काम किया उनके कोच सलाम बायश ने। सलाम ने न केवल तिलक की प्रतिभा को पहचाना, बल्कि उनके संघर्ष को भी समझा।
उन्होंने तिलक को अपने घर में रखा और, उनकी ट्रेनिंग , उपकरणों का सारा खर्च भी उठाया और उन्हें एक पिता की तरह संरक्षण दिया। यह संघर्ष ही तिलक के चरित्र की नींव है। उन्होंने अपनी छोटी सि उम्र में यह सीख लिया था कि किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए, और यही गंभीरता आज उनके खेल में झलकती है। यह विनम्र शुरुआत उन्हें जमीन से जोड़े रखती है और सफलता के घमंड को उनके सिर पर चढ़ने नहीं देती।
तिलक वर्मा का परिवार :

तिलक वर्मा की सफलता के पीछे उनके परिवार के संघर्ष और बलिदान की एक प्रेरणादायक कहानी है.
- पिता: उनके पिता, नंबूरी नागराजू, हैदराबाद में एक मामूली इलेक्ट्रीशियन थे. उनकी आय इतनी नहीं थी कि वह तिलक के क्रिकेट कोचिंग का खर्च उठा सकें, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
- माँ: उनकी माँ, गायत्री देवी, एक गृहणी हैं और उन्होंने हमेशा तिलक को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया.
- कोच सलाम बायश: तिलक के करियर को संवारने में उनके कोच सलाम बायश का सबसे बड़ा योगदान है. उन्होंने तिलक की प्रतिभा को पहचाना और उनकी फीस से लेकर क्रिकेट के सामान तक का सारा खर्च खुद उठाया. वह तिलक को अपने स्कूटर पर बिठाकर रोज 40 किलोमीटर दूर अकादमी ले जाते थे. परिवार और कोच के इसी निःस्वार्थ समर्थन ने तिलक को आज इस मुकाम तक पहुंचाया है.
तिलक वर्मा का करियर :

- घरेलू क्रिकेट: तिलक ने 2018 में हैदराबाद के लिए अपना रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया और जल्द ही अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा.
- आईपीएल (IPL): उनके करियर में सबसे बड़ा मोड़ 2022 में आया जब मुंबई इंडियंस ने उन्हें ₹1.7 करोड़ में खरीदा. उन्होंने अपने पहले ही सीजन में शानदार प्रदर्शन किया और टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बन गए. उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई इंडियंस ने उन्हें IPL 2025 के लिए ₹8 करोड़ की भारी-भरकम राशि में रिटेन किया है.
- अंतरराष्ट्रीय करियर: अगस्त 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ T20I में डेब्यू करने के बाद से तिलक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह एशिया कप 2023 और एशियन गेम्स 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे. हाल ही में काउंटी क्रिकेट में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
तिलक वर्मा की नेटवर्थ :

अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर तिलक वर्मा ने बहुत कम उम्र में ही अच्छी खासी संपत्ति बना ली है.
- कुल संपत्ति: विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में तिलक वर्मा की कुल नेटवर्थ लगभग ₹5 करोड़ है.
- IPL सैलरी: IPL 2025 के लिए मुंबई इंडियंस से उन्हें ₹8 करोड़ मिलेंगे.
- BCCI कॉन्ट्रैक्ट: तिलक वर्मा BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की ग्रेड ‘C’ में शामिल हैं, जिससे उन्हें सालाना ₹1 करोड़ मिलते हैं.
- ब्रांड एंडोर्समेंट: वह बूस्ट (Boost), ड्रीम11 (Dream11) और एसएस (SS) जैसे कई ब्रांड्स का चेहरा हैं, जिससे उनकी अच्छी कमाई होती है.
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तिलक वर्मा दबाव में भी धैर्य रखते थे :

तिलक वर्मा को जो चीज सबसे खास बनाती है, वह है दबाव में शांत रहने की उनकी अद्भुत क्षमता। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट, T20 में, जहां खेल हर गेंद पर बदलता है, वहां अक्सर युवा खिलाड़ी बिखर जाते हैं। लेकिन तिलक इस दबाव में बिखरते नहीं, बल्कि निखरते हैं।
हमने उन्हें बार-बार मुंबई इंडियंस और फिर भारतीय टीम के लिए मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी करते देखा है। जब बड़े-बड़े नाम पवेलियन लौट जाते हैं, तब यह युवा कंधा जिम्मेदारी लेता है, पारी को संभालता है और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक या जीत की दहलीज तक ले जाता है।
उनकी बॉडी लैंग्वेज में घबराहट नहीं, बल्कि एक आत्मविश्वास भरी शांति होती है। वह स्थिति का आकलन करते हैं, गेंदबाज को पढ़ते हैं और फिर अपने शॉट्स खेलते हैं। यह मानसिक दृढ़ता किसी कोचिंग मैनुअल में नहीं सिखाई जा सकती; यह या तो स्वाभाविक होती है या जीवन के संघर्षों से आती है। तिलक के पास यह दोनों हैं, और यही गुण उन्हें भविष्य का एक बेहतरीन ‘फिनिशर’ और ‘संकटमोचक’ बनाता है।
मध्यक्रम का ‘लेफ्टी’ समाधान :
भारतीय क्रिकेट में युवराज सिंह और सुरेश रैना के जाने के बाद से मध्यक्रम में एक उच्च गुणवत्ता वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज की कमी हमेशा खली है। एक लेफ्ट-हैंडर का टीम में होना गेंदबाजी आक्रमण की लय को बिगाड़ता है और मैदान के दोनों तरफ रन बनाने के विकल्प खोलता है। तिलक वर्मा इस कमी को पूरा करने का एक आदर्श समाधान बनकर उभरे हैं।
वह सिर्फ एक बाएं हाथ के बल्लेबाज नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो स्पिन और तेज गेंदबाजी, दोनों को समान सहजता से खेलते हैं। स्पिनर्स के खिलाफ उनके कदमों का इस्तेमाल और तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनकी पुल और कट शॉट्स की क्षमता उन्हें एक पूर्ण बल्लेबाज बनाती है। वह पारी को संवारना भी जानते हैं और जरूरत पड़ने पर गियर बदलकर बड़े शॉट लगाना भी। यह बहुमुखी प्रतिभा उन्हें भारतीय मध्यक्रम के लिए एक दीर्घकालिक संपत्ति बनाती है।
तकनीक और आक्रामकता का संगम
आज के T20 युग में कई बल्लेबाज सिर्फ बड़े हिट्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन तिलक का खेल क्लासिकल तकनीक और आधुनिक आक्रामकता का एक सुंदर मिश्रण है। उनके कवर ड्राइव में विराट कोहली जैसी नजाकत है, तो उनके लेग साइड के फ्लिक में रोहित शर्मा जैसी सहजता। वह सिर्फ ताकत पर निर्भर नहीं रहते; उनकी टाइमिंग और गैप में गेंद को धकेलने की क्षमता कमाल की है।
यही कारण है कि वह सिर्फ T20 के खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि उनमें वनडे और टेस्ट क्रिकेट में भी सफल होने की पूरी क्षमता है। उनका solide डिफेंस और पारी को समझने की कला उन्हें लंबे प्रारूपों के लिए भी एक मजबूत दावेदार बनाती है।
एक कम्प्लीट पैकेज: गेंदबाजी और फील्डिंग :
तिलक वर्मा सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक ‘कम्प्लीट क्रिकेटर’ का पैकेज हैं।इसके अलावा, वह मैदान पर सबसे चुस्त फील्डरों में से एक हैं। उनकी ऊर्जा, डाइव लगाकर रन बचाने की कोशिश और शानदार कैचिंग टीम के लिए कई रन बचाती है। आज के क्रिकेट में, जहां हर एक रन मायने रखता है, वहां तिलक जैसा तीन आयामी खिलाड़ी किसी भी कप्तान के लिए एक सपने के सच होने जैसा है।
निष्कर्ष :
तिलक वर्मा सिर्फ एक प्रतिभाशाली युवा नहीं हैं; वह एक उम्मीद हैं, एक समाधान हैं और एक प्रेरणा हैं। एक इलेक्ट्रीशियन के बेटे का भारतीय टीम की नीली जर्सी पहनने तक का सफर करोड़ों युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला देता है।
उनका शांत स्वभाव, दबाव झेलने की क्षमता, बाएं हाथ की बल्लेबाजी का रणनीतिक लाभ और एक संपूर्ण क्रिकेटर होने के गुण उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिए वास्तव में एक “अनमोल खोज” बनाते हैं। वह उस पीढ़ी के खिलाड़ी हैं जो न केवल मैच जिताएंगे, बल्कि आने वाले कई वर्षों तक भारतीय क्रिकेट के मध्यक्रम की रीढ़ बनेंगे।