जगदीप छोकर :

चुनाव में सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के को-फाउंडर और चुनाव सुधारों के प्रबल समर्थक प्रो. जगदीप एस छोकर का शुक्रवार को सुबह दिल्ली में हार्ट अटैक से निधन हो गया। जगदीश छोकर 81 साल के थे। प्रो. छोकर की इच्छा के अनुसार उनके मृत शरीर को रिसर्च के लिए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को डोनेट किया गया है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के संस्थापक सदस्य जगदीप एस छोकर का शुक्रवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 81 साल के जगदीश छोकर की पहचान चुनाव सुधारक के रूप में होती थी। जगदीश छोकर भारतीय रेलवे में मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्य किया था। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (www.adrindia.org) के संस्थापक सदस्य होने के नाते, वे 20 से अधिक वर्षों से चुनावी और राजनीतिक सुधारों पर काम कर चुके है ।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा-जगदीप छोकर हमेशा से स्वच्छ चुनाव के लिए लड़ाई करते रहे। जगदीश छोकर अपना शरीर चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान कर दिया है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने पोस्ट कर के बताया है , प्रोफेसर जगदीप छोकर ने एडीआर का नेतृत्व भी किया है ,
जिसने चुनावी लोकतंत्र के उच्च मानकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके और एडीआर जैसे लोग अधिकारियों से सवाल पूछने के लिए बेहद जरूरी हैं, जो किसी भी लोकतंत्र के लिए एक अच्छा संकेत है। इसके अलावा, राजद सांसद मनोज कुमार झा, कार्यकर्ता और चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव, सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण, कार्यकर्ता हर्ष मंदर, तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष, राजनेता सुभाषिनी अली, कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और शबनम हाशमी ने एडीआर सह-संस्थापक जगदीप छोकर को याद किया।
IIM अहमदाबाद में वो प्रोफेसर रह चुके है .जगदीश छोकर ने 1999 में एडीआर की स्थापना की थी । चुनावी पारदर्शिता के लिए कई वो कानूनी लड़ाइयां लड़ीं। उम्मीदवारों के बैकग्राउंड का खुलासा व इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम रद्द कराने जैसे सुधार के लिए उन्हों ने बहुत कोशिश की उनकी कोशिशों के चलते ही ये संभव हो सके।
जगदीश छोकर की पढाई :

25 नवंबर, 1944 को जन्मे जगदीप एस छोकर ने शिक्षा जगत में कदम रखने से पहले रेलवे में अपना कॅरिअर बनाया था । जगदीश छोकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन से एमबीए किया और बाद में अमेरिका के लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि हासिल की।
एडीआर की स्थापना 1999

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की स्थापना 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद के प्रोफेसरों के एक समूह द्वारा की गई थी। 1999 में, उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी जिसमें चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक पृष्ठभूमि का खुलासा करने की मांग की गई थी।
इसके आधार पर, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 और उसके बाद 2003 में, चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामा दायर करके चुनाव से पहले अपनी आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक पृष्ठभूमि का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया।
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IIM अहमदाबाद में वो प्रोफेसर रह चुके है .जगदीश छोकर ने 1999 में एडीआर की स्थापना की थी । चुनावी पारदर्शिता के लिए कई वो कानूनी लड़ाइयां लड़ीं। उम्मीदवारों के बैकग्राउंड का खुलासा व इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम रद्द कराने जैसे सुधार के लिए उन्हों ने बहुत कोशिश की उनकी कोशिशों के चलते ही ये संभव हो सके।
वे नागरिक समाज संगठन आजीविका ब्यूरो के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे चुके है । ये संगठन भारत में आंतरिक प्रवास के संबंधित मुद्दों पर काम करता है। छोकर की पहचान एक जागरूक नागरिक के रूप में , वकील के रूप में और पक्षी प्रेमी के रूप में थी।