केरला नर्स निमिषा केस :nimisha priya -क्या केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टलेगी, या 16 जुलाई को यमन में मिलेगी सजा

केरल नर्स निमिषा केस :

निमिषा प्रिया केस

निमिषा 2008 में यमन गयी :

निमिषा प्रिया को 2020 में तलाल अब्दो महदी नामक व्यक्ति के हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई थी. यह फैसला निचली अदालत का था, लेकिन शीर्ष अदालतों ने उसकी अपील पर गौर नहीं किया और अंतत: निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख करीब आ गई है. निमिषा प्रिया हत्या की दोषी है, इसलिए हमें जानना चाहिए कि आखिर क्यों और कैसे निमिषा ने एक व्यक्ति की हत्या की. निमिषा प्रिया एक मजदूर परिवार से संबंध रखती हैं.

नौकरी के लिए उसने नर्सिंग की ट्रेनिंग ली और 2008 में यमन चली गईं. केरल से बड़ी संख्या में लड़कियां नर्स की नौकरी करने के लिए यमन,कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बहरीन और कुवैत जैसे देशों में जाती हैं. जहां उन्हें बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलती हैं.इसी चाहत में 2008 में निमिषा प्रिया यमन गई थीं. 2011 में उसने टाॅमी थाॅमस से शादी कर ली और वे कैपिटल सिटी सना लौट गए, जहां उनकी एक बेटी हुई.

निमिषा ने किसकी हत्या की:

केरल नर्स निमिषा केस

निमिषा प्रिया और थाॅमस की इनकम नहीं बढ़ पा रही थी, जिसकी वजह से उन्होंने अपना क्लिनिक खोलने का सोचा और एक क्लिनिक खोला. यमन के कानून के हिसाब से वहां कोई बिजनेस करने के लिए स्थानीय व्यक्ति का साझेदार होना जरूरी है, कोई बाहरी व्यक्ति वहां अपना बिजनेस नहीं कर सकता है.

इसी वजह से निमिषा प्रिया ने तलाल अब्दो महदी को अपना साझेदार बनाया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार निमिषा के नए क्लिनिक से उसके पुराने मालिक, जिस क्लिनिक में वो काम करती थी, उसे बहुत परेशानी थी. उसने तलाल अब्दो को बाध्य किया कि नए क्लिनिक के एग्रीमेंट में उसे हिस्सेदारी मिले, जिसके निमिषा के पुराने मालिक को 33 प्रतिशत और तलाल अब्दो को 67 प्रतिशत हिस्सेदारी पर एग्रीमेंट हुआ. तलाल अब्दो निमिषा का पुरान परिचित था

, वो जिस क्लिनिक में काम करती थी वहीं पर तलाल भी काम करता था. उन लोगों के बीच अच्छे संबंध थे, तलाल अब्दो 2015 में उनके साथ भारत भी आया था

. परेशानी तब खड़ी हुई जब तलाल ने निमिषा को क्लिनिक की आय में से पैसा देना बंद कर दिया. जब निमिषा ने अपने हिस्से का आय मांगा, तो उसने उसके साथ प्रताड़ना शुरू की. वह उसे शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित करने लगा. इतना ही नहीं उसने एक फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट कोर्ट में पेश करके यह साबित भी कर दिया कि दोनों की शादी हो चुकी है. उसने निमिषा का पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात भी अपने पास जब्त करके रखे थे.

इस वजह से निमिषा भारत नहीं आ पा रही थी. इसी वजह से उसने तलाल अब्दो को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, ताकि वह अपने कागजात देकर वहां से निकल सके, लेकिन वह दवाई का ओवरडोज हो गया, जिससे तलाल अब्दो की मौत हो गई.

निमिषा प्रिया केस :मर्डर केस

तलाल अब्दों महदी मर्डर :

आशीष चंचलानी gf

अर्चिता फुकन

2017 खबर आती है कि केरल की रहने वाली निमिषा ने अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या कर दी है.

यमन में शरिया कानून लागू है. इस कानून के हिसाब से अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई गंभीर अपराध जैसे हत्या या घायल करने जैसा अपराध हो जाए, तो पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में मोटी रकम देकर दोषी बच सकता है, बशर्ते की पीड़ित परिवार इसके लिए राजी हो और पैसा देकर दोषी को माफी दे दे.

इस पूरी प्रक्रिया को ‘ब्लड मनी’ या शरिया कानून के हिसाब से ‘दिया’ कहा जाता है. इस प्रक्रिया को कोर्ट के संरक्षण में या आपसी सहमति से भी पूरा किया जाता है. निमिषा प्रिया का परिवार तलाल अब्दो के प्रयास से लगातार संपर्क में है, लेकिन अबतक बात नहीं बनी है.

मर्डर के कारण :

आर्थिक तंगी :

निमिषा प्रिया साल 2008 में अपने माता-पिता का समर्थन करने के लिए यमन गई थीं. वहां उन्‍होंने एक क्लिनिक खोला. स्थानीय कानूनों का पालन करते हुए यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ साझेदारी की.

दुर्व्यवहार :

निमिषा के परिवार और समर्थकों के अनुसार, तलाल अब्दो मेहदी ने उनके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और उनका पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया, जिससे वह देश छोड़ने में असमर्थ हो गईं. साल 2017 में उन्होंने अपने दस्तावेज़ वापस पाने और यमन से भागने के लिए उसे एक इंजेक्शन से बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन इस प्रक्रिया में तलाल अब्दो मेहदी की मौत हो गई. 

क्या केरल नर्स निमिषा केस से बच पायेगी :

केरल नर्स निमिषा प्रिया की जान बच तो सकती है, लेकिन यह काफी मुश्किल है. यमन में इस वक्त कोई स्थिर सरकार नहीं है, वहां हूती शासन है. हूती शासन से सरकार का सीधा संपर्क नहीं है, इस वजह से राजनीतिक प्रयास कितने सफल होंगे कहना मुश्किल है. दूसरा जो आसन उपाय है, वो ये है कि निमिषा के परिजन तलाल के परिजनों को ब्लडमनी देकर समझौता कर लें, तो उसकी जान बच सकती है. इसके प्रयास जारी हैं, लेकिन अबतक तलाल का परिवार इसके लिए राजी नहीं हुआ है.

तीसरा एक उपाय यह भी है कि मानवता के नाते केरल नर्स निमिषा प्रिया को बख्श दिया जाए, क्योंकि उसका इरादा हत्या का नहीं बल्कि आत्मरक्षा का था. निमिषा की एक 10 की बच्ची भी है, लेकिन अब इन प्रयासों के लिए समय काफी कम बचा है.

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